उसका घर वहां है जिसे यूरोप की सबसे ख़तरनाक जगह कहा जाता है. वो रूस के मुस्लिम बहुल पहाड़ी प्रांत दागेस्तान से आता है. और आज तक कोई भी उसे हरा नहीं पाया है.
मिक्स्ड मार्शल आर्ट के विश्व विजेता कॉनर मेकग्रेगर को हराने वाले वाले 30 साल के मुसलमान लड़के ख़बीब नूर के बारे में इतना ही कहना काफ़ी है.
एक दशक लंबे मिक्स्ड मार्शल आर्ट के करियर में आज तक किसी खिलाड़ी ने ख़बीब नूर को पछाड़ने की हिम्मत नहीं दिखाई है.
अमरीका के लॉस एंजेलिस में ख़बीब नूर ने कॉनर को मैच के चौथे राउंड में हरा दिया था…ये मिक्स्ड मार्शल आर्ट का एक बेहतरीन नमूना था.
नीचे की कहानी ख़बीब नूर के साथ-साथ, हाल ही में ख़बीब और कॉनर के बीच हुए चर्चित मैच की भी है.
क्योंकि वो मैच तो आसानी से जीत गए लेकिन उसके बाद जो हुआ वो ख़बीब नूर के भविष्य पर सवालिया निशान लगा सकता है.
आइए ये समझते हैं कि आख़िर ख़बीब मिक्सड मार्शल आर्ट की दुनिया का सबसे बड़ा नाम बनकर कैसे उभरे.
खेल सिर्फ खेल नहीं…
इस ख़िताब पर कब्जा करने के साथ ही वह यूएफ़सी टाइटल जीतने वाले पहले मुसलमान खिलाड़ी बन गए हैं.
मिक्स्ड मार्शल आर्ट के इतिहास में ये एक नया अध्याय जोड़ने जैसा था.

इमेज कैप्शन,मैच के चौथे राउंड में गला दबाकर मेकग्रेगर को हार स्वीकार करने के लिए मजबूर करते हुए ख़बीब
देखने के लिए तो ख़बीब नूर और मेकग्रेगर एक खिलाड़ी की तरह रिंग में उतरे थे. लेकिन ख़बीब के लिए ये सिर्फ एक खेल नहीं था.
ख़बीब और मेकग्रेगर के बीच लात-घूंसों से पहले ज़ुबानी जंग भी चलती रही है.
मेकग्रेगर दावा करते हैं कि उनका ख़ानदान, उनका खून और उनका वंश अंग्रेजों से संघर्ष करता रहा और यहां तक कि किंग जेम्स ने उनके परिवार के नाम को 100 साल तक के लिए प्रतिबंधित भी कर दिया था.
वो ये भी कहते हैं कि मुझे पता है कि वह दागेस्तान से आता है, जहां पर लोग बचपन से पहलवानी सीखते हैं. लेकिन मैं ख़बीब के खेल की कमियां जानता हूं.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मेकग्रेगर को बात करते देखें तो वह मेज पर पैर रखकर आक्रोशित मुद्रा में हाथ हिलाकर ख़बीब को नीचा दिखाने की कोशिश करते हुए दिखते हैं.
वहीं, ख़बीब के जवाब शांति के साथ और काफ़ी सधी जवान में आते हैं. वो अपने पिता की बात करते हैं, अपने देश की बात करते हैं और मेकग्रेगर की तारीफ़ भी करते हैं.
मैच जीतने के मुद्दे पर ख़बीब कहते हैं कि आप पैसे के लिए खेलने आते हैं लेकिन मैं आपकी तरह पैसे के लिए नहीं बल्कि अपनी विरासत के लिए खेलने आता हूं.
ख़बीब कहते हैं कि मेकग्रेगर अंग्रेजों के ख़िलाफ़ संघर्ष करने की बात करते हैं लेकिन अपनी भाषा भी नहीं बोलते हैं.
ख़बीब में है कुछ ख़ास?
रूस के दागेस्तान इलाके से आने वाले ख़बीब अवार जाति से ताल्लुक रखते हैं.
एक सम्मान प्राप्त सैन्य अधिकारी के बेटे ख़बीब ने आठ साल की उम्र से ही अपने पिता से पहलवानी की ट्रेनिंग लेना शुरू की थी.
ख़बीब ने अपने पिता अब्दुलमनाप से सिर्फ पहलवानी की ही ट्रेनिंग नहीं ली बल्कि उन्होंने जूडो और सैम्बो (1920 के दशक में सोवियत रेड आर्मी ने मिक्स्ड मार्शल आर्ट की एक ख़ास विधा को विकसित किया था) की ट्रेनिंग भी ली.

सैम्बो की ख़ास बात ये है कि इसमें दूसरी तमाम मार्शल आर्ट के सभी ऐसे हथकंडे शामिल होते हैं जो विरोधी उम्मीदवार को सोचने का मौका भी नहीं देते.
कहा तो ये भी जाता है कि ख़बीब नूर अपने बचपन में एक असली भालू से कुश्ती किया करते थे.
हालांकि, जूडो और सैम्बो सीखते समय उन्होंने मार्शल आर्ट्स में अपना करियर बनाने का फ़ैसला नहीं किया था.
लेकिन जब उनके पिता ने अपने घर के ग्राउंड फ़्लोर पर जिम की शुरुआत की तब उन्होंने गंभीरता से मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग लेना शुरू की.

ख़बीब को फैनबॉय कहते थे मेकग्रेगर
मेकग्रेगर ख़बीब को अपना फ़ैनबॉय कहकर नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं. लेकिन ख़बीब इसके जवाब में कहते हैं कि मेकग्रेगर कुछ समय पहले बहुत अच्छे आदमी हुआ करते थे.
इसके जवाब में वह अपनी कामयाबी के बारे में सादगी के साथ बताते हैं.
ख़बीब का रिकॉर्ड देखें तो पता चलता है कि वह मिक्स्ड मार्शल आर्ट के इतिहास में सबसे ज़्यादा समय दस सालों तक अजेय रहने का रिकॉर्ड बनाने वाले खिलाड़ी हैं.
ख़बीब ने अपना पहला मैच सितंबर 2008 में खेला था और सिर्फ एक महीने के अंदर ही चार मैच जीत लिए थे.
जनवरी 2012 तक उन्होंने यूएफ़सी की प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और कमल शालोरस को तीसरे राउंड में ही हरा दिया.
लेकिन उन्हें साल 2013 से गंभीरता से ले लिया जाने लगा जब उन्होंने लगातार दो मैच में अपने खेल से लोगों को चौंका दिया.
एक मैच में सबसे ज़्यादा पटखनी देने का रिकॉर्ड
मई के महीने में ख़बीब ने अबेल त्रुजिलो को सिंगल फाइट में 21 बार पटखनी देकर एक यूएफसी रिकॉर्ड बनाया.
यूएफ़सी के अध्यक्ष डाना व्हाइट ने जब ख़बीब को अमरीकी खिलाड़ी पेट हेली को लगातार शानदार अंदाज़ में पटखनी देते हुए देखा तो वह ये कहने पर मजबूर हो गए कि ये लड़का बहुत शानदार है और हम शायद इसके साथ इतिहास को बदलते देखेंगे.
लेकिन ख़बीब ने अप्रैल 2018 से पहले तक यूएफसी लाइटवेट चैंपियनशिप में खेलना नहीं शुरू भी किया था. लेकिन अप्रैल में ही उन्होंने यूएफ़सी 223 का ख़िताब जीत लिया.

इसके बाद छह अक्टूबर को जब कॉनर मेकग्रेगर को मैच के चौथे राउंड में हरा दिया तो उनकी जीत का जश्न दागेस्तान की सड़कों पर भी मनाया गया.
लेकिन मैच के बाद अपनी ग़लती के लिए माफ़ी मांगते हुए ख़बीब ने कहा कि मुझे पता है कि आप मेरी तारीफ़ करेंगे लेकिन मैं माफ़ी मांगना चाहता हूं और ये मेरे व्यक्तित्व का सबसे अच्छा पहलू नहीं है.
ख़बीब ने अपनी इस प्रतिक्रिया के लिए मैच से पहले मेकग्रेगर द्वारा उसके धर्म, देश और पिता के बारे में ग़लत बातें करने के लिए ज़िम्मेदार ठहराया.
ख़बीब को कुछ समय के लिए प्रतिबंधित किया जा सकता है लेकिन डाना व्हाइट ने कहा है कि प्रतिबंध के बाद भी ख़बीब से उनका ख़िताब नहीं छीना जाएगा.
लेकिन ख़बीब के पिता अब्दुलमनाप ने ख़बीब की इस प्रतिक्रिया के बाद कहा है कि वह इस अनुशासनहीनता के लिए अपने बेटे को यूएफसी के प्रतिबंध से भी कड़ा दंड देंगे.